बिजनौर में मेरी शूटिंग कमाल की रही। बड़ा ही शांत शहर है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बारे में मुझे डराया गया था। वहां के माहौल में मुझसे जो कहा गया, वह मेरे हिसाब से गलत निकला। बिजनौर शहर में काम करके लगा कि सब सामान्य है। और अंत में वही बात आती है कि न शहर खराब, न माहौल। कुछ लोगों की मानसिकता खराब होती है। वो कहीं भी हो सकती है।
कल रात मैं अपने डॉक्टर त्रासी की बेटी की शादी में शामिल होने गया था। दरवाजे पर हिन्दुस्तान के सबसे बड़े कलाकार से मेरी मुलाकात हुई। और वह हैं श्री दिलीप कुमार। जिस तरह इस अवस्था में भी वह मुझसे मिले, मैं धन्य हो गया। मेरे हिसाब से हिन्दुस्तान में अभिनय के लिहाज से कोई जीवित लीजेंड है तो वह हैं श्री दिलीप कुमार। बाकी सारे अभिनेताओं ने अभिनय की शुरुआत उन्हें देखकर ही की। उन्हें देखकर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या बोलूं। मेरे होंठ सिल गए थे। सायरा जी ने मेरी ऊहापोह को समझा और मुझे विदा होने में मदद की। लेकिन, इस अनुभव से मैं जितना लाभान्वित हुआ और जितनी खुशी हुई, वह बहुत कम मौकों पर होती है। जो लोग श्री दिलीप कुमार के बारे में नहीं जानते, मैं उनसे कहना चाहूंगा कि वह उनकी फिल्में देखें। उनकी समझ में आएगा कि अभिनय क्या होता है। भाषा क्या होती है। अगर दिलीप साहब के बाद मैं किसी अभिनेता को चाहता और सराहता हूं तो वह हैं श्री मोतीलाल जी। उनसे इस जन्म में मिलना नहीं हुआ। लेकिन उनकी फिल्मों को देखकर विभोर होता रहता हूं। पर आज जो सामने देखा, उसे भूल पाना असंभव है। और मैं यह बता दूं कि श्री दिलीप कुमार साहब से यह मेरी कोई पहली मुलाकात नहीं थी। मैं जब भी उनस मिलता हूं, मेरा यही हाल रहता है। वह जिस तरह मेरा अभिवादन करते हैं, मुझे दुनिया का सबसे बड़ा उपहार मिल जाता है।
इससे अलग अभी 'आरक्षण' के प्रचार प्रसार में शामिल हो रहा हूं। फिल्म के प्रोमो आ रहे हैं। उसकी चर्चा हो रही है, यह देखकर अच्छा लगता है। यह देखकर और अच्छा लगता है कि श्री प्रकाश झा जिस तरह अपनी फिल्म पर मेहनत करते हैं, उसे सराहना मिल रही है। 'आरक्षण' मेरे लिए इसलिए अधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह मेरी उनके साथ दूसरी फिल्म है। इसमें राजनीति से बिलकुल उलट मेरा किरदार है। और इस फिल्म में मैं अमित जी के साथ दोबारा काम कर रहा हूं। फिल्म के जरिए उनसे मिलने का मौका मिला। उनकी संगत में हर बार कुछ नया सीखने को मिलता है।
फिलहाल आप लोग खुद को तैयार रखें। फिल्म 12 अगस्त को प्रदर्शित हो रही है। आपको फिल्म कैसी लगी, मुझे ब्लॉग पर बताए। विस्तार में बताएंगे तो और अच्छा होगा।
इस बार के लिए इतना ही
आपका और सिर्फ आपका
मनोज बाजपेयी
Monday, July 11, 2011
अद्भुत अनुभव है हिन्दुस्तान के सबसे बड़े कलाकार से मिलना !
Posted by
Manoj Bajpayee
at
10:47 AM
Labels:
दिलीप कुमार
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20 comments:
आदरणीय श्रीमनोज जी,
'आरक्षण' के लिए आपको ढेरों शुभकामनाएं ।
मार्कण्ड दवे।
http://mktvfilms.blogspot.com
mujhe umeed hai hamesha ki tarah aapka kirdar damdar hoga... prakash ji ki film aur aapka abhinay dono ka hume hamesha intezar rahta hai.. shubhkamnaye...
मनोज भईया,
प्रणाम !!
कल ट्विट्टर पर आपका सन्देश देखा था इस मुलाकात के विषय में तभी लगा था कि हो न हो आपकी अगली पोस्ट में इस का जिक्र जरुर होना है ... मेरा अनुमान सही निकला !!
उत्तर प्रदेश और बिहार को सब से ज्यादा बदनाम मिडिया ने किया है ... और अगर मेरा अनुमान सही है तो इस के पीछे केंद्र सरकार की अपनी राजनीती है ... वैसे भी अगले साल उत्तर प्रदेश में चुनाव होने ही है ... और यह तो आप भी देख ही रहे होंगे कि किस तरह सब लगे हुए है चुनाव की तैयारियों में ... खैर साहब यह तो हमारे नेता है ... जो हमारे होते हुए भी हमारे नहीं है !!
'अक्स' में आपको और बच्चन साहब को साथ देखा था ... अब 'आरक्षण' में भी आप दोनों का जलवा देखने को मिलेगा ... इंतज़ार है हम सब को !!
हमारी ओर से आपको बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं !
अपना ख्याल रखियेगा !
आपका अनुज
शिवम् मिश्रा
मैनपुरी , उत्तर प्रदेश !
हमारे इलाके के बारे में आपकी गलतफ़हमी तो दूर हुई, आगे बेहिचक चले आना।
सच कहा आपने दिलीप कुमार जी अभिनय के लीजेंड हैं, और बाकी कई अभिनेता उनसे प्रेरित हैं
"आरक्षण" सफलता के नये मुकाम पर पहुंचे, यह कामना करता हूँ
बहुत अच्छा लिखा प्रिय मनोज जी आपने | अच्छे बुरे लोग हर स्थान पर होते हैं | कोई स्थान अच्छा बुरा नहीं होता | पश्चिमी उत्तर प्रदेश की भूमि बहुत उर्वरा है | यहाँ के आमों की मिठास आप को ज़रूर याद रहेगी हमेशा के लिए |
डॉ. दिनेश शर्मा (हृषिकेश से )
नमस्कार
प्रिया मनोज जी !
बिलकुल हर अभिनेता कि ख्वाहिश होती है कि एक किवदंती बन चुके मर कलाकार के साथ काम करे या उनका सानिद्या प्राप्त हो .. और इस प्रकार के अभिनय शिखर पुरष नाम मात्र के ही हुए है अब तक फिल्म उद्योग में जिस में से एक है ट्रेजडी किंग दिलीप साहब ,, सच है एक बार तो हर अभिनेता उनके सामने मूक हो कर रह जाता है . जिस प्रकार एक किवदंती बन चुके श्री अमिताभ जी भी ''शक्ति '' के समय हो गए थे .. जब कि आप तो परम सौभाग्य शाली है कि ''अक्श '' में तो आप को उनके साथ देखा ही था .. दमदार लगे थे आप भी . .. सही है कि उनके साथ चाहे दिलीप साहब हो या बच्चन साहब हो उनके साथ बैठेने मात्र से ही बहुत कुछ इंसान या कोई अभिनेता सीख सकता है एक वट वृक्ष है अभिनय के !
आँखों देखी और कानो सुनी में बहुत फर्क होता है जो आप ने '' बिजनोर '' के बारे जैसा बाताया , वो यहाँ सार्थक होती है . . हमे प्रतीक्षा है कि आप कि अगली फिल्म कि शूटिंग कही विदेश में भी हो और हमारे शहर '' बीकानेर '' में भी . . जहा अनेको फिल्मो ( ग़दर , एकलव्य , क्षत्रिय ) जैसे बहुत सी एतिहासिक फिल्मो का फिल्मांकन किया जा चुका है ,, शायद आप को ये जान करी भी होगी कि बीकानेर खूब सूरत किलो और हवेलियों के लिए प्रसिद्ध है ) मनोज जी हेम आरक्षण कि प्रतीक्षा है और देख के बढ बिलकुल वृस्तित बाते भी बताउंगा ... शायाद प्रतिक्रिया आप कि पोस्टिंग से ज़्यादा लम्बी हो गयी .. आप से बाते करने का मन भी तो नहीं भरता .. ! मगर विवशता भी है .. एक बात कि जब भी शूटिंग में बिकाने राये तो आप से मिलने का परम अवसर हासिल करना चाहूंगा ,, मगर आप ये ब्लॉग पे पहले बताएगे तो खुशी ज़्यादा होगी . आरक्षण कि साफ्टा कि अग्रं बधाई , स्वीकार करिएगा .
सादर
आरक्षण के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएँ ...
सादर
दिव्य प्रकाश दुबे
http://master-stroke.in/
वास्तव में दिलीप साहब एक महान अभिनेता हैं.
दिलीप कुमार का मतलब तो सिर्फ़ वही समझ सकता है जो आज के नौटंकी छाप अभिनेताओं को नहीं दिलीप साहब जैसे लोगों का अभिनय देखे।
आपकी फिल्में प्रभावित करती हैं, सत्या और शूल ने तो पूरा ही झंकृत कर दिया था। जिनके पास अनुभव का आगार है, उनसे मिलना अपने आप में अनुभव है।
I wish someone making a movie in near future somewhat like "Shakti" starring: Amitabh Bachchan, Manoj Bajpai
""ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,
जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,
हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,
क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता.... "
आरक्षण के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएँ ...
'आरक्षण' के लिये शुभकामनायें! दिलीपकुमार वास्तव में भारत के महानतम अभिनेताओं में से हैं।
Pahle se hi badhai sweekar kare,
बजा फ़रमाया दिलीप जी के बारे में आपने।
वैसे आपकी अभिनय यात्रा भी सही ट्रैक पर है।
hai sir namaste best of luck for ur coming movie aarakshan i hope it will remove many things which is currently runs in our society . so hope for best ...........
'Shool' jaisi film kab kar rahe hai, Manoj Ji?
Itna 'realistic' abhinay maine apki kisi aur film main nahi dekha.
Ek ek scene main jaan daali gayi hai.
Yeh apki ab tak ki sabse umda film hai.
dekhe aarakshan..thik thak lagi..
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